पंचम स्थान का वक्री 'शुक्र' जातक को बनाता है समलैंगिक
लखनऊ। शुक्र ग्रह भोग विलास, सांसारिक सुख, भौतिक सुख, प्रेम, सौंदर्य, आकर्षण, दांपत्य सुख आदि का प्रतिनिधि ग्रह है। शुक्र जब किसी की कुंडली में शुभ अवस्था में मजबूत होता है तो वह ऐश्वर्यशाली जीवन व्यतीत करता है, लेकिन जब शुक्र
from Oneindia.in - thatsHindi http://bit.ly/2McbHoy
from Oneindia.in - thatsHindi http://bit.ly/2McbHoy
No comments