Header Ads

Breaking News

loading...
loading...

UP: ...तो अक्टूबर 2017 में ही खुल जाता घोटाला

लखनऊलखनऊ, नोएडा समेत प्रदेश के सभी जिलों में होमगार्डों की फर्जी ड्यूटी के नाम पर हुआ करोड़ो रुपये का मानदेय घोटाला अक्टूबर 2017 में ही खुल जाता, अगर विसल ब्लोअर पूर्व एडीजी, होमगार्ड जसबीर सिंह की आवाज दबाई न गई होती। मस्टररोल में फर्जीवाड़े समेत होमगार्ड विभाग में तमाम तरह के भ्रष्टाचार को लेकर तत्कालीन एडीजी होमगार्ड जसबीर ने सीएम के प्रमुख सचिव से लेकर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव होमगार्ड व डीजी होमगार्ड को कई पत्र लिखे थे। लेकिन पत्रों पर कार्रवाई के बजाए उन्हें होमगार्ड से हटाकर एडीजी रूल्स ऐंड मैनुअल्स के पद पर भेज दिया गया। यही नहीं मस्टररोल में फर्जीवाड़े की जांच भी उनसे ले ली गई। कल्याण सिंह के आवास पर तैनाती का 'खेल' : तत्कालीन एडीजी होमगार्ड जसबीर सिंह को फर्जी ड्यूटी और भुगतान से जुड़ी पहली शिकायत पूर्व सीएम कल्याण सिंह के आवास से मिली थी। उन्हें सूचना दी गई कि कल्याण के आवास पर होमगार्डों की तैनाती में खेल किया जा रहा है। जसबीर ने खुद पूर्व सीएम के सरकारी आवास जाकर ड्यूटी व भुगतान से जुड़े रजिस्टर कब्जे में लिए थे। इसके बाद तत्कालीन एडीजी ने 20 से ज्यादा जिलों से मस्टररोल मंगाए और जांच की। जसबीर के मुताबिक जांच व कार्रवाई रोकने के लिए उन पर दबाव बढ़ने लगा। कई जिलों ने तो दस्तावेज देने से ही इनकार कर दिया था। पूर्व मंत्री पर एफआईआर की सिफारिशहोमगार्ड में तैनाती के दौरान एडीजी जसबीर सिंह ने तत्कालीन होमगार्ड मंत्री अनिल राजभर, तत्कालीन डीजी होमगार्ड सूर्य कुमार शुक्ला व मुख्यालय में तैनात चार होमगार्ड अधिकारियों के खिलाफ पर भ्रष्टाचार व अनियमितता के आरोप लगाते हुए भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज करने के लिए मुख्य सचिव को पांच बार पत्र लिखे थे। पहला पत्र 31 अगस्त 2017 को लिखा गया था। 'दिनभर में 1,875 किमी चली मंत्री की गाड़ी'जसबीर सिंह ने मुख्य सचिव को लिखे पांचवें पत्र में होमगार्ड विभाग के मोटर वीकल सेक्शन में फैले भ्रष्टाचार के बारे में बताया। उन्होंने लिखा था कि नियमानुसार, तत्कालीन मंत्री विभाग से एक भी वाहन लेने के हकदार नहीं हैं। लेकिन दस्तावेज के मुताबिक छह अगस्त 2017 को मंत्रीजी के काफिले में शामिल गाड़ी संख्या यूपी78 बीजी 0870 लोकल यानी लखनऊ में 1,875 किमी चली। इस दिन मंत्री के किसी आधिकारिक कार्यक्रम की भी सूचना नहीं थी। मंत्री को उस दौरान पांच वाहन मिले थे और उनकी एक गाड़ी का मार्च 2017 से जुलाई 2017 तक पेट्रोल का खर्चा 1,78,265 रुपये दिखाया गया था। क्या है चेतन चौहान का कहना होमगार्ड मंत्री चेतन चौहान ने इस बारे में कहा- एक साल के मस्टररोल व भुगतान का ऑडिट करवा रहे हैं। जसबीर सिंह द्वारा की गई जांच और शिकायत के बारे में जानकारी नहीं है। सोमवार को पता करूंगा कि उनके द्वारा की गई शिकायत और जांच किस स्थिति में हैं।


from Metro City news in Hindi, Metro City Headlines, मेट्रो सिटी न्यूज https://ift.tt/2KLozif

No comments