7 साल बाद इंसाफ, निर्भया के दोषियों को फांसी
नई दिल्ली निर्भया गैंगरेप केस के सभी चारों दोषियों को आज तिहाड़ जेल में सुबह साढ़े 5 बजे फांसी दे दी गई। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने तड़के तक एक दोषी पवन गुप्ता की अर्जी पर सुनवाई की और उसकी आखिरी अर्जी भी खारिज कर दी। दिल्ली की एक अदालत ने सभी चार दोषियों का 20 मार्च के लिए डेथ वॉरंट जारी किया था। घड़ी में 5.30 बजते ही जल्लाद ने लीवर खींचा घड़ी में जैसे ही सुबह 5.30 बजे का वक्त हुआ। तिहाड़ में मौजूद जल्लाद ने लीवर खींच दिया और दोषियों को फांसी पर लटका दिया गया। फांसी से पहले निर्भया के दोषी किस तरह खौफ में थे, यह जेल में मौजूद लोगों ने देखा। फांसी के लिए ले जाते वक्त चारों दोषियों के चेहरे पर डर साफ देखा जा सकता था। इस दौरान एक दोषी घबरा भी गया और वहीं फांसी घर में लेट गया। निर्भया: मेडिकल अफसर ने दोषियों को मृत घोषित किया तिहाड़ जेल के मेडिकल अफसर ने निर्भया के सभी दोषियों को मृत घोषित कर दिया है। तिहाड़ में पवन, मुकेश, विनय और अक्षय को दी गई थी फांसी। फांसी के बाद करीब आधा घंटे तक दोषियों के शरीर फंदे से झूलता रहा था। आधे घंटे बाद मेडिकल ऑफिसर ने शवों की जांच की। अब डॉक्टरों का पैनल मृतकों के शव का पोस्टमॉर्टम करेगी। पढ़ें, निर्भया की मां बोलीं, जारी रखेंगे संघर्ष निर्भया की मां ने दोषियों की फांसी के बाद कहा कि आज देश के बच्चियों को इंसाफ मिला। उन्होंने कहा कि जिस तरह निर्भया केस में देरी की तकनीक अपनाई गई लेकिन शीर्ष अदालत ने सबको खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, 'हमें देर से ही सही लेकिन न्याय मिला। इस न्याय व्यवस्था के प्रति हमारा विश्वास बना रहेगा। हम सबको इंसाफ मिला। हम ये लड़ाई आगे भी जारी रखेंगे। निर्भया को इंसाफ मिला है। देश की बच्चियों को न्याय दिलाने के लिए हम यह लड़ाई जारी रखेंगे।' पढ़ें, आगे नहीं जा रहा था दोषी सूत्रों के मुताबिक, एक दोषी फांसी के लिए आगे नहीं जा रहा था, फिर फांसी घर में मौजूद लोग उसे जबरन आगे लेकर गए। इससे पहले दो दोषियों ने अपने हाथ बंधवाने से भी इनकार किया था। फिर पुलिसवालों की मदद से उनके हाथ बांधे गए थे। रातभर रहे थे बेचैन, खाना नहीं खाया निर्भया के दोषियों की हालत रात से ही खराब थी। 19 मार्च यानी अपनी आखिरी रात को दोषी सोए नहीं थे। रात को मुकेश-विनय ने डिनर किया था। वहीं पवन और अक्षय रातभर बेचैन रहे। ताकि खुद को नुकसान न पहुंचाए, पूरी थी तैयारी निर्भया के दोषियों की 24 घंटे पहले से मॉनिटरिंग शुरू हो गई थी। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि जेल अधिकारियों को जानकारी मिली थी कि ये चारो अपने आप को चोट पहुंचा सकते हैं ताकि फांसी से बच सके।
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