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महाराष्ट्र का महासंग्राम: BJP पास या फेल, SC में 'परीक्षा' आज

महाराष्ट्रमहाराष्ट्र में जारी हाई वोल्टेज सियासी गहमागहमी के बीच सुप्रीम कोर्ट ने देवेंद्र फडणवीस सरकार के गठन को चुनौती देने वाली कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना की याचिका को छुट्टी के दिन सुना। तीन जजों की बेंच ने कहा कि बेशक बहुमत साबित करने का फ्लोर टेस्ट ही तरीका है, लेकिन हम पहले फडणवीस की ओर से दिए गए विधायकों के समर्थन वाले पत्र और राज्यपाल से मिली सरकार बनाने की चिट्ठी देखना चाहते हैं। उसके बाद उचित आदेश जारी हो सकता है। कोर्ट ने दोनों पत्र आज 10:30 बजे तक पेश करने को कहा और इस मामले में केंद्र, महाराष्ट्र, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री अजित पवार को नोटिस जारी किया। अब आज सुबह सुनवाई होगी। महा विकास अघाड़ी (शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस) की ओर से कहा गया कि फडणवीस के पास पर्याप्त संख्या नहीं है। इनकी ओर से पेश कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि अगर बीजेपी के पास बहुमत है तो वह 24 घंटे में साबित करें। ऐसे ष्ट्रपति शासन हटाना लोकतंत्र की हत्या है उन्होंने कहा कि बिना कैबिनेट मीटिंग के राष्ट्रपति शासन हटाना अजीब और लोकतंत्र की हत्या है। सरकार बनाने की मंजूरी तब दी, जब NCP के 41 MLA साथ नहीं हैं। लगता है कि गवर्नर (भगत सिंह कोश्यारी) सीधे केंद्र के निर्देश पर काम कर रहे हैं। महाराष्ट्र बीजेपी और निर्दलीय विधायकों की ओर से मुकुल रोहतगी ने रविवार को सुनवाई पर ही सवाल उठाए और कहा कि कोई इमरजेंसी नहीं थी। पहले बॉम्बे हाईकोर्ट जाना चाहिए था। तीनों पार्टियों को समय दिया गया था। पढ़ें- किसको मिली थी कितनी सीटभाजपा और शिवसेना ने पिछले महीने गठबंधन में विधानसभा चुनाव लड़े और दोनों ने क्रमश: 105 और 56 सीटों पर जीत दर्ज की। बहरहाल, शिवसेना ने मुख्यमंत्री पद के बंटवारे को लेकर भाजपा के साथ अपना तीन दशक पुराना संबंध तोड़ लिया था। कांग्रेस और राकांपा को विधानसभा चुनावों में क्रमश: 44 और 54 सीटें हासिल हुई थीं। पढ़ें- बीजेपी की क्या है तैयारी?अब बीजेपी के सामने चैलेंज है कि शपथ लेने के बाद कैसे देवेंद्र फडणवीस की सरकार को बचाए। इसके लिए बीजेपी ने अब 4 ऐसे दिग्गज नेताओं को काम पर लगाया है, जो कभी न कभी इन तीनों दलों में रहे हैं। इनमें सबसे बड़ा नाम नारायण राणे का है, जो पिछले दिनों कांग्रेस से बीजेपी में आए थे और उससे पहले शिवसेना में भी रहे हैं। इसके अलावा अन्य नाम राधाकृष्ण विखे पाटील, गणेश नाईक, बबन राव के हैं, जिन्हें बीजेपी ने 'मिशन लोटस' का जिम्मा सौंपा है। राधाकृष्ण विखे पाटिल कांग्रेस की ओर से विधानसभा में नेता विपक्ष भी रहे थे। उनके तमाम कांग्रेस विधायकों से अच्छे संबंध हैं और माना जा रहा है कि वह अपने संबंधों के बूते बड़ी सेंध लगा सकते हैं।


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