Header Ads

Breaking News

loading...
loading...

उद्धव की सख्त गाइडलाइन, आसान नहीं होगी लोगों की 'घर वापसी'

मुंबई केंद्र और राज्य सरकार ने भले ही यहां-वहां फंसे प्रवासी मजदूरों, तीर्थयात्रियों, विद्यार्थियों और अन्य लोगों को उनके गांव जाने देने की प्रक्रिया शुरू कर दी हो, लेकिन उनके लिए लॉकडाउन के दौरान एक जगह से दूसरी जगह जाना आसान नहीं होगा। ने अपने यहां फंसे प्रवासी मजदूरों को उनके गांव भेजने और दूसरे राज्यों में फंसे महाराष्ट्र के लोगों को वापस लाने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देशों के अनुसार जो प्रक्रिया तय की है, उसके मुताबिक लोगों को यहां से जाने के लिए बहुत पापड़ बेलने पड़ेंगे। राज्य सरकार ने तय किया है कि हर जिले का कलेक्टर इस मामले में नोडल ऑफिसर की भूमिका निभाएगा। वह अपने जिले में फंसे प्रवासी मजदूरों, धार्मिक यात्रियों, विद्यार्थियों और अन्य लोगों की सूची तैयार करेगा। इसके बाद उन राज्यों से संपर्क किया जाएगा, जिनमें इन लोगों को भेजा जाना है। अगर वे राज्य अपने यहां के लोगों को वापस लेने को तैयार होंगे, तभी उन्हें यहां से रवाना किया जाएगा। महाराष्ट्र से दूसरे राज्यों के लिए रवाना होने से पहले जिला कलेक्टर या स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी के डायरेक्टर द्वारा जारी पत्र ही वैध होगा। अपने वाहनों से जाने वालों के लिए भी यही पत्र वैध होगा। बिना मेडिकल जांच के किसी को भी यात्रा की अनुमति नहीं दी जाएगी। आने वालों के नियम जो लोग अन्य राज्यों से महाराष्ट्र में आएंगे, उन्हें यहां आने के बाद 14 दिन तक क्वारंटीन में रहना होगा। जिला कलेक्टर और संबंधित महानगर पालिका आयुक्त यह तय करेंगे कि बाहर से आने वालों को उनके घरों में क्वारंटीन किया जाए या सरकारी क्वारंटीन सेंटर में रखा जाए। वाहनों का ट्रांजिट पास दूसरे राज्यों में प्रवासियों को लेकर जाने वाले वाहनों के लिए ट्रांजिट पास जारी किया जाएगा। ट्रांजिट पास में वाहन में सफर करने वाले सभी यात्रियों का विवरण, रूट और यात्रा में लगने वाले समय का भी जिक्र किया जाना जरूरी होगा। इन वाहनों का सैनिटाइजेशन करना जरूरी होगा। वाहनों में सोशल डिस्टेंसिंग भी अनिवार्य है। अन्य राज्यों के जिन जिलों में लोगों को उतारा जाएगा, उसकी लिस्ट उस राज्य को या जिले के प्रशासन को देना अनिवार्य होगा। कंट्रोल रूम से नजर इस सारी प्रक्रिया पर मंत्रालय में स्थापित कंट्रोल रूम प्रभावी रूप से अमल और नजर रखने का काम करेगा। इसके लिए राज्य के तीन वरिष्ठ अधिकारियों- राजस्व विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. नितिन करीर, महिला बाल विकास विभाग की प्रधान सचिव आई.ए. कुंदन और राज्य डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी के संचालक अभय यावलकर को जिम्मेदार बनाया गया है।


from Metro City news in Hindi, Metro City Headlines, मेट्रो सिटी न्यूज https://ift.tt/3da8cYF

No comments